पड़े सामना सत्य से उनका, नौ दो ग्यारह वो जाए।। करके फौज। पड़े सामना सत्य से उनका, नौ दो ग्यारह वो जाए।। करके फौज।
अभी से जो तू लगेगा पढ़ने जो चाहेगा वो बन जाए। अभी से जो तू लगेगा पढ़ने जो चाहेगा वो बन जाए।
झूठ और फरेब से नफ़रत है मुझे, कड़वा और सच बोलना आता है मुझे । झूठ और फरेब से नफ़रत है मुझे, कड़वा और सच बोलना आता है मुझे ।
ऐसे ही गुज़रे थे उस रात की दो पल बस दिल ही दिल में होता था हलचल। ऐसे ही गुज़रे थे उस रात की दो पल बस दिल ही दिल में होता था हलचल।
बैठो कभी मेरे सामने उकेर डालूं तुम्हारी शक्ल उस खूबसूरत पन्ने पर, जो कभी कर रहा है बैठो कभी मेरे सामने उकेर डालूं तुम्हारी शक्ल उस खूबसूरत पन्ने पर, जो ...
ऐसा आतंक देख कर , पूरा विश्व घबराया था वैश्विक शक्ति पर भी आतंकवाद छाया था !! ऐसा आतंक देख कर , पूरा विश्व घबराया था वैश्विक शक्ति पर भी आतंकवाद छाया था !...